अब भी हमारे देश के अधिकतर लोग मानसिक बीमारियों को गंभीर समस्याओं में नहीं गिनते हैं. छुपाने के लायक मानकर एक्सपर्ट से मिलने से झिझकते हैं. कोविड के दौर में मानसिक बीमारी भी खुद में एक गंभीर महामारी के रूप में उभरी है.












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