चाणक्य नीति के मुताबिक ऐसे लोग होते हैं आपके सच्चे 'शुभ चिंतक'

Story created by Renu Chouhan

19/07/2024

चाणक्य नीति में कही गई हर बात हमारे जीवत की मुश्किलों को सुलझाने में मददगार साबित होती है.

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चाहे वो जीवन जीने का तरीका हो या फिर जीवन में मौजूद लोगों को परखना, चाणक्य नीति सब बताती है.

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जैसे चाणक्य नीति में श्लोक है "आतुरे व्यसने प्राप्ते दुर्भिक्षे शत्रु-संकटे। राजद्वारे श्मशाने च यस्तिष्ठति स बान्धव:॥"

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और इसका अर्थ है कि रोग से पीड़ित होने पर, दुख आने पर, अकाल पड़ने पर, शत्रु संकट आने पर या मृत्यु आ जाने पर जो व्यक्ति साथ न छोड़े वही सच्चा दोस्त या भाई होता है.

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परिवार से कोई सदस्य या बाहर से जीवन में आया कोई भी दोस्त, जो इन परिस्थितियों में आपसे साथ है वही आपका अपना है.

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क्योंकि बीमारी होने पर, दुख होने पर, दुश्मनों का संकट आने पर, या मुत्यु आने पर, ये सभी लाइफ की वो सिचुएशन हैं जब मदद या सहायता की जरूरत पड़ती है.

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और ऐसे में जिस किसी का भी साथ मिल जाए बस वही अपना है.

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इसके अलावा सिर्फ आपको ही सहायता की उम्मीद नहीं रखनी बल्कि पहले ऐसी परिस्थिति में सहायता करनी भी है.

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मतलब अगर आपकी जानकारी में मौजूद किसी भी व्यक्ति के जीवन में अगर ये संकट हैं तो आपको उनकी भी मदद करनी चाहिए.

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क्योंकि चाणक्य के मुताबिक जो किसी की सहायता करता है, उसको ही सहायता मिलती है.

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और जो इन समय पर किसी के काम नहीं आता, तो उसके जीवन में संकट आने पर कोई साथ नहीं देता.

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