14 दिनों के लिए भगवान जगन्नाथ क्यों हो जाते हैं बीमार?
Story created by Renu Chouhan
22/06/2024 22 जून यानी ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ को स्नान कराया गया.
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इस स्नान में भगवान जगन्नाथ के साथ-साथ भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा भी साथ होती हैं.
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इसी दिन को देव स्नान पूर्णिमा कहते हैं, इस मौके पर भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा को स्नान मंडप तक लाते हैं.
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फिर मंदिर प्रांगण में मौजूद कुंए के पानी से 108 घड़े पानी निकाल, उससे स्नान कराया जाता है.
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इसी के साथ फूल, चंदन, केसर और कस्तूरी आदि सबको मिलाकर स्नान कराया जाता है.
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उसके बाद तीनों भगवानों को भगवान गणेश के रूप में तैयार करते हैं. इसे हाथी बेश कहा जाता है.
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इसके बाद तीनों भगवान 14 दिनों तक अपने भक्तों से नहीं मिलते, क्योंकि वो बीमार हो जाते हैं.
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मान्यता है कि ज्यादा नहाने की वजह से वो बीमार होते हैं और 14 दिनों तक उनका इलाज चलता है.
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15वें दिन यानी आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष के दिन मंदिर के कपाट खोले जाते हैं, इस मौके को नेत्र उत्सव कहा जाता है.
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फिर अगले दिन यानी 16वें दिन शोभायात्रा जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू हो जाती है.
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