मृत्यु समान होती हैं इंसान के जीवन की ये 3 स्थितियां
Story created by Renu Chouhan
24/08/2024 चाणक्य नीति में एक श्लोक है, जिसमें उन्होंने लाइफ में आने वाली 3 स्थितियों के बारे में बताया है जो मौत के समान दुख देती हैं.
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ये श्लोक है "वृद्धकाले मृता भार्या बंधुहस्ते गतं धनम्।" भोजनं च पराधीनं तिस्त्र: पुंसां विडम्बना।।.
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इस श्लोक में सबसे पहले चाणक्य ने बताया कि अगर आपकी पत्नी की मृत्यु हो जाती है तो जीवन की ये स्थिति मृत्यु के समान दुखदायी होती है.
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इसके बाद चाणक्य ने लाइफ की दूसरी सिचुएशन के बारे में बताया कि अगर किसी व्यक्ति की धन या संपत्ति भाई-बंदुओं के हाथ में चली जाए, तो ये स्थिति भी मौत के समान होती है.
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इसके अलावा इस श्लोक में चाणक्य ने तीसरी स्थिति बताई कि अगर किसी व्यक्ति को अपने खाने के लिए दूसरों पर आश्रित होना पड़े, तो जीवन की ये स्थिति भी मौत के समान होती है.
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इसे समझाते हुए चाणक्य के कहा कि बुढ़ापे में पति-पत्नी को एक-दूसरे से सहयोग की सबसे ज्यादा जरूरत होती है.
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इसी तरह अपना धन खुद से छीन जाए या फिर अपने खाने के लिए भी दूसरों पर निर्भर होना पड़े,ये कुछ स्थितियां जीवन के सबसे खराब मौकों में से होती हैं.
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इसीलिए एक-दूसरे की सेहत का ध्यान रखें, पैसों की रक्षा करें और जब तक हो अपने खाने के लिए दूसरों पर निर्भर न हो.
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