जब भी दुखी हों तब पढ़ लें चाणक्य की कही ये बात

Story created by Renu Chouhan

28/07/2024

चाणक्य नीति में एक श्लोक है " कस्य दोषः कुल नास्ति व्याधिना को न पीडितः। व्यसनं केन न सम्प्राप्तं कस्य सौख्ंय निरन्तरम।।"

Image Credit: Openart

इस श्लोक का अर्थ चाणक्य ने बताया कि संसार में ऐसा कोई कुल नहीं जिसमें किसी प्रकार का दोष न हो. कोई व्यक्ति नहीं जो कभी न कभी किसी रोग से पीड़ित न हो.

Image Credit: Openart

इसके आगे उन्होंने कहा कि जो मनुष्य किसी बुरी लत में पड़ जाता है अथवा जिसे बुरे काम करने की आदत पड़ जाती है, उसे भी दुख उठाने पड़ते हैं.

Image Credit: Openart

संसार में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसे सदा सुख ही मिलता रहा हो और संकटों ने उसे कभी न घेरा हो.

Image Credit: Unsplash

यानी कोई मनुष्य पूर्ण नहीं, कोई न कोई दुख सभी को लगा ही हुआ है.

Image Credit: Openart

अब चाणक्य की इस बात से आप सीख सकते हैं कि आप कितनी भी कोशिश कर लें. कोई न कोई दुख आपके जीवन में रहेगा ही.

Image Credit: Pixabay

क्योंकि पूरी तरह खुश कोई भी नहीं है.

Image Credit: Pixabay

लेकिन वो दुख हमेशा नहीं रहेगा, दुख आएगा तो सुख भी आएगा ही आएगा.

Image Credit: Unsplash

इसीलिए हिम्मत न हारे आज अच्छा नहीं लेकिन कल जरूर अच्छा होगा.

Image Credit: Pixabay

और देखें

चाणक्य नीति : जो व्यक्ति ये 3 चीज़े बचाएगा, वही बुद्धिमान कहलाएगा

चाणक्य ने बताया असली दोस्त वही जो आपके इस वक्त में दे साथ

चाणक्य नीति के मुताबिक ये लोग होते हैं आपके सच्चे 'शुभ चिंतक'

चाणक्य के मुताबिक ये है 'जहरीले' दोस्तों की पहचान, इनसे रिश्ता कभी न रखें

Click Here