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ऐसे इंसानों से बेहतर होते हैं सांप,  चाणक्य ने बताया कारण

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Story created by Renu Chouhan

25/07/2024
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चाणक्य नीति में एक श्लोक है - दुर्जनस्य च सर्पस्य वरं सर्पो न दुर्जनः ।
सर्पो दशति कालेन दुर्जनस्तु पदे-पदे।।

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इसका मतलब है कि दुष्ट व्यक्ति और सांप, इन दोनों में से किसी एक को चुनना हो तो दुष्ट व्यक्ति के बजाय सांप को चुनना.

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चाणक्य ने इस श्लोक के जरिए बताया कि आखिर कैसे बुरे इंसान सांप से भी ज्यादा जहरीले हो सकते हैं.

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दुष्ट लोग सांप से भी ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं. क्योंकि सांप सिर्फ आत्मरक्षा के लिए आक्रमण करता है.

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लेकिन दुष्ट व्यक्ति हर समय बिना आपकी गलती के आपको हानि पहुंचा सकते हैं.

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या फिर किसी न किसी बहाने से वो आपको परेशान करते रहेंगे.

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इसीलिए दुष्ट व्यक्ति से बेहतर है कि सांप को चुना जाए, क्योंकि सांप सिर्फ समय आने पर आपको काटेगा. जबकि दुष्ट व्यक्ति हर समय आपको नुकसान पहुंचाएगा.

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