ऐसे इंसानों से बेहतर होते हैं सांप,  चाणक्य ने बताया कारण

Story created by Renu Chouhan

25/07/2024

चाणक्य नीति में एक श्लोक है - दुर्जनस्य च सर्पस्य वरं सर्पो न दुर्जनः ।
सर्पो दशति कालेन दुर्जनस्तु पदे-पदे।।

Image Credit: Openart

इसका मतलब है कि दुष्ट व्यक्ति और सांप, इन दोनों में से किसी एक को चुनना हो तो दुष्ट व्यक्ति के बजाय सांप को चुनना.

Image Credit: Unsplash

चाणक्य ने इस श्लोक के जरिए बताया कि आखिर कैसे बुरे इंसान सांप से भी ज्यादा जहरीले हो सकते हैं.

Image Credit: Openart

दुष्ट लोग सांप से भी ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं. क्योंकि सांप सिर्फ आत्मरक्षा के लिए आक्रमण करता है.

Image Credit: Unsplash

लेकिन दुष्ट व्यक्ति हर समय बिना आपकी गलती के आपको हानि पहुंचा सकते हैं.

Image Credit: Openart

या फिर किसी न किसी बहाने से वो आपको परेशान करते रहेंगे.

Image Credit: Openart

इसीलिए दुष्ट व्यक्ति से बेहतर है कि सांप को चुना जाए, क्योंकि सांप सिर्फ समय आने पर आपको काटेगा. जबकि दुष्ट व्यक्ति हर समय आपको नुकसान पहुंचाएगा.

Image Credit: Unsplash

और देखें

चाणक्य नीति : जो व्यक्ति ये 3 चीज़े बचाएगा, वही बुद्धिमान कहलाएगा

चाणक्य ने बताया असली दोस्त वही जो आपके इस वक्त में दे साथ

चाणक्य नीति के मुताबिक ये लोग होते हैं आपके सच्चे 'शुभ चिंतक'

चाणक्य के मुताबिक ये है 'जहरीले' दोस्तों की पहचान, इनसे रिश्ता कभी न रखें

Click Here