चाणक्य ने बताया कैसे लोगों को दुनिया करती है परेशान

Story created by Renu Chouhan

03/08/2024

चाणक्य नीति में एक श्लोक है "नाऽय्तन्तं सरलैर्भाव्यं गत्वा पश्य वनस्थलीम्। छिद्घन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपाः।।"

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चाणक्य ने इस श्लोक के जरिए बताया कि आखिर क्यों कुछ लोगों को हमेशा जीवन में दुख मिलता है.

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उन्होंने इस श्लोक में कहा मनुष्य को अत्यन्त सरल और सीधा भी नहीं होना चाहिए. वन में जाकर देखो, सीधे वृक्ष काट दिए जाते हैं और टेढ़े-मेढ़े गांठों वाले वृक्ष खड़े रहते हैं.

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उन्होंने इस बात को और आसान शब्दों में समझाया कि मनुष्य को बहुत सीधा और सरल स्वभाव का नहीं होना चाहिए.

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इससे उसे लोग दुर्बल और मूर्ख मानने लगते हैं, और हर समय कष्ट देने का प्रयत्न करते हैं.

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यानी सीधा-सादा व्यक्ति प्रत्येक व्यक्ति के लिए सुगम होता है जबकि टेढ़े व्यक्ति से सब बचने की कोशिश करते हैं.

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अगर आप भी बहुत ही सीधे और सरल हैं तो आपको लोग हमेशा दुख ही पहुंचाने की कोशिश करेंगे.

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इसीलिए चतुर बनें, सीधे न रहें. अच्छों से साथ अच्छे और बुरे लोगों के साथ सीधे न बने रहें.

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