कैसे व्यक्ति के नाराज़ होने पर कोई फर्क नहीं पड़ता

Story created by Renu Chouhan

31/08/2024

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चाणक्य नीति में एक श्लोक है "यस्मिन् रुष्टे भयं नास्ति तुष्टे नैव धनागम:। निग्रहो नुग्रहो नास्ति स रुष्ट: किं करिष्यति।।"

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यानी चाणक्य ने अपनी नीति के जरिए बताया कि कैसे इंसान के गु्स्सा होने या नाराज़ होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है.

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चाणक्य ने कहा कि जिसके नाराज होने पर किसी प्रकार का डर नहीं होता और जिसके प्रसन्न होने पर धन प्राप्ति की आशा नहीं होती...

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जो न दंड दे सकता है और न ही किसी प्रकार की दया प्रकट कर सकता है इसके नाराज होने पर किसी का कुछ नहीं बिगड़ता.

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यानी अगर आपसे कोई ऐसा व्यक्ति नाराज़ है जिससे आपके जीवन में किसी भी तरह का फर्क ही नहीं पड़ता.

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जैसे न डर, न धन, न दंड और न ही दया आदि महसूस नहीं होती. तो ऐसा व्यक्ति अगर नाराज हो जाए तो उससे आप दुखी न हो.


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इसीलिए आप किसी भी ऐसे व्यक्ति के नाराज़ होने से परेशान हैं तो इस परेशानी को अभी ही खत्म करें.

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