बच्चे अच्छा व्यवहार कैसे करें, चाणक्य ने बताया तरीका

Story created by Renu Chouhan

29/08/2024

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हर किसी को ऐसी संतान चाहिए जो गुणी हो, जो समझदार हो, जो बुरे काम करने से बचता हो और जो जीवन में सफलता हासिल करे.

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लेकिन सभी पैरेंट्स ये काम बच्चे के बड़े होने पर करते या फिर पैदा होने के बाद, उन्हें समझा कर या फिर डांट कर करते हैं.

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लेकिन चाणक्य ने अपनी नीति में कुछ और ही कहा है.

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चाणक्य नीति में एक श्लोक है "दीपो भक्षयते ध्वान्तं कज्जलं च प्रसूयते। यदन्नं भक्षयेन्नित्यं जायते तादृशी प्रजा।।"

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चाणक्य ने आसान भाषा में समझाते हुए बताया कि यदि व्यक्ति अच्छे कार्यों से अपनी आजीविका चलाएगा तो उसकी संतान भी सद्गुणों से युक्त होगी...

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यदि वह चोरी और मक्कारी से पैदा किए हुए धन से अपनी संतान का पालन-पोषण करता है तो संतान के विचार भी उसी प्रकार के निकृष्ट होंगे.


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आचार्य संकेत दे रहे हैं कि जैसी संतान चाहते हो, वैसा ही व्यवहार खुद भी बनाएं.

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