क्यों दोस्तों को नहीं बताना चाहिए सबकुछ, चाणक्य ने बताई वजह

Story created by Renu Chouhan

24/07/2024

अक्सर हमारी जिंदगी में कोई न कोई एक दोस्त या साथी होता है, जिसे हमारे बारे में सभी बातें पता होती हैं.

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क्योंकि हर इंसान को बात करनी होती है और बातों-बातों में वो अपने दिल के कई राज़ खोल जाता है.

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लेकिन चाणक्य ने अपनी नीति में एक श्लोक में बताया कि आखिर क्यों किसी पर भी पूरा विश्वास नहीं करना चाहिए.

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ये श्लोक है - "न विश्वसेत्कुमित्रे च मित्रे चापि न विश्वसेत्। कदाचित्कुपितं मित्रं सर्वं गुह्यं प्रकाशयेत् ॥"

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यानी जो मित्र खोटा है, उस पर विश्वास नहीं करना चाहिए और जो मित्र है उस पर भी अति विश्वास नहीं करना चाहिए...

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क्योंकि ऐसा हो सकता है कि वह मित्र कभी नाराज होकर सारी गुप्त बातें प्रकट कर दे.

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आगे उन्होंने समझाया कि दुनिया में जितने भी अपराध या कुकर्म बढ़ रहे हैं, ज्यादातर में किसी अपने या करीबी दोस्त का ही हाथ होता है.

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उन्होंने आगे कहा, 'घर का भेदी लंका ढाए' यह कहावत बिल्कुल सटीक है.

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क्योंकि यदि कोई अपना या मित्र ही नाराज़ होता है तो वो आपकी गुप्त बातें सभी को बता सकता है, और ये परिस्थिति आपको नुकसान पहुंचा देती है.

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मित्र ही नहीं बल्कि घर में काम करने वाले कर्मचारी के बारे में इस प्रकार की सावधानी रखना आवश्यक है.

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