जीनोम सिक्वेंसिंग का इस्तेमाल सालों से वायरस, बैक्टीरिया, पौधों, जानवरों और मनुष्यों जैसे जीवों का अध्ययन करने के लिए किया जाता रहा है. फिलहाल यह नोवेल कोरोनावायरस की ग्रोथ और इसके वेरिएंट्स को समझने में मदद कर रहा है. टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी के निदेशक डॉ राकेश मिश्रा बताते हैं कि विज्ञान कैसे आगे चलकर कोविड-19 जैसे प्रकोप को रोकने में मदद कर सकता है.











Advertisement
अगला पेज लोड हो रहा है. कृपया इंतजार करें...