साड़ी बनारसी है या जामदानी, जानें 10 एम्बॉयडरी और उनके नाम

Story created by Renu Chouhan

09/08/2024


साड़ियों की इतनी वरायटी हैं कि सभी के नाम किसी को मालूम भी नहीं. आपको यहां ऐसी 10 एम्ब्रॉयडरी या वीव्स के नाम बता रहे हैं जो आमतौर पर बहुत पॉपुलर हैं.

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इन्हें जानने के बाद आपको अगली बार साड़ी शॉपिंग करने में आसानी होगी, क्योंकि साड़ी देखते ही आप उनका काम और नाम पहचान लेंगी.

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जामदानी साड़ी- पश्चिम बंगाल में बनाई जाने वाली ये एम्ब्रॉडरी सिल्क, कॉटन, टस्सर और लिनेन फैब्रिक पर होती है. जामदानी वर्क वाले आर्टिस्ट इसे बहुत ही बारीकी से बनाते हैं.



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टस्सर साड़ी- ये खास सिल्क साड़ी छत्तीसगढ़ में बनती हैं इन्हें कोसा सिल्क भी कहते हैं. एक साड़ी को बनाने के लिए 3 कारीगरों को लगभग 7 से 10 दिन लगते हैं.

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पैठानी साड़ी- ये साड़ी खास मराठी दुल्हन से जुड़ी होती हैं. प्योर गोल्ड ज़री से बनाई गई इस साड़ी में हंस, मुनिया, मोर, अशरफी और पोपट खास काम होते हैं.

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बनारसी साड़ी- गोल्ड और सिल्वर धागों से बुनी गई खूबसूरत साड़ी होती है बनारसी, इस सिल्क की साड़ी पर फूलों के अलावा, जंगला पैटर्न भी आमतौर पर देखा जाता है.


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इकत साड़ी- तेलंगाना के नलगोंडा क्षेत्र का पोचमपल्ली इकत दुनिया भर में पॉपुलर है. साड़ी के दोनों तरफ एक जैसा पैटर्न इस साड़ी की खासियत होती है.

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कांजीवरम साड़ी- मलबरी सिल्क कपड़े पर प्योर गोल्ड ज़री का काम इस साड़ी की खासियत होती है, दक्षिण भारत में दुल्हनें इसे शादी में खासतौर पर पहनती हैं.

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कोटा साड़ी- सर्दियों में गरम और गर्मियों में ठंडी, इस कोटा साड़ी की खासियत होती है. राजस्थान की इस साड़ी की पहचान होती है ग्रिड जैसे चेकबॉक्स डिज़ाइन.

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माहेश्वरी साड़ी- सिल्क और कॉटन दोनों ही फैब्रिक पर चमेली के फूल, शक्कर दाना और ऐसे कई बारीक काम किए जाते हैं. ये साड़ी काफी लाइट वेट होती है.

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सांबलपुरी साड़ी- टाइ एंड डाई काम और कॉन्ट्रैस्टिंग पल्लू एंड बॉर्डर इस साड़ी की खासियत होती है. इस साड़ी पर किए गए काम की इंस्पिरेशन उड़ीसा के मंदिर होते हैं.

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दाबू साड़ी - राजस्थान के बागरू और सांगानेर के गांव से इसकी शुरुआत हुई. ये एक बहुत पुरानी तकनीक है जिसमें ब्लॉक से कपड़े पर दबा कर प्रिंट किया जाता है.

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