सैटेलाइट में गोल्ड और सिल्वर पेपर  क्यों लगाए जाते हैं?
                            
            
                            
                            
            
                            Story created by Renu Chouhan
                            
            
                            23/08/2024
                            
          
         
                                   
                                         
      
      
      
      
      
      
         
         
            
         
         
         
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            आपने कभी नोटिस किया कि क्यों अंतरिक्ष में जाने वाले सभी सैटेलाइट  गोल्डन या सिल्वर चमकीले पेपर में लिपटे होते हैं?
                            
            
                            
                            
            
                            Image Credit: isro.gov.in
                            
          
         
                                   
                                         
      
      
      
      
      
      
         
         
            
         
         
         
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            क्या आपको लगता है कि ये असली सोना या फिर चांदी है, क्योंकि करोड़ों रुपये की लागत से बनने वाले इन सैटेलाइट्स पर सोना और चांदी तो चढ़ ही सकता है!
                            
            
                            
                            
            
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                            लेकिन आपको बता दें कि ये कोई सोना या चांदी नहीं है, बल्कि एक आम सी शीट है.
                            
            
                            
                            
            
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                            और ये शीट है ल्युमिनाइज्ड पॉलीमाइड, जो एक तरफ से सिल्वर और दूसरी तरफ से गोल्डन कलर की होती है.
                            
            
                            
                            
            
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                            पॉलीमाइड या पॉलीस्टर फिल्म एक तरह का प्लास्टिक होता है, जिसको एल्युमिनियम की बहुत ही पतली सी लेयर से कोट किया जाता है.
                            
            
                            
                            
            
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                            बता दें, ऊपर ग्रहों में मौजूद ठंडे या गरम तापमान से सैटेलाइट को बचाने के लिए इस शीट का यूज़ किया जाता है, इसे MLI कहा जाता है.
                            
            
                            
                            
            
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                            यानी मल्टी-लेयर इंसुलेशन, ये एक हाई परफॉर्मेंस इंसुलेटर होता है. इसे थर्मल इंसुलेशन भी कहा जाता है.
                            
            
                            
                            
            
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                            क्योंकि इसमें मौजूद मल्टीपल लेयर्स वाली ये पतली सी शीट, स्पेसक्राफ्ट और दूसरे स्पेस में जाने वाले उपकरणों को कवर करती है. 
                            
            
                            
                            
            
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                            यानी इससे इस शीट के अंदर मौजूद उपकरणों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता.
                            
            
                            
                            
            
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                            और देखें
                            
            
                            
                            
            
                            गिरते हुए तारे के बारे में सबसे बड़ा झूठ क्या है?
                            
            
                            
                            
            
                            आर्यभट्ट से चंद्रयान-3 तक, ISRO के 6 सफल मिशन
                            
            
                            
                            
            
                            चाणक्य नीति के मुताबिक ये लोग होते हैं आपके सच्चे 'शुभ चिंतक'
                            
            
                            
                            
            
                            23 अगस्त को क्यों मनाया जा रहा है पहला नेशनल स्पेस डे?
                            
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            
                            
            
                            
                            
          
         
                                   
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