किसे कहा जाता है 'फादर ऑफ द इंडियन स्पेस प्रोग्राम'?

Story created by Renu Chouhan

23/08/2024

23 अगस्त 2024 को भारत का पहला नेशनल स्पेस डे मनाया जा रहा है, क्योंकि साल 2023 में इसी दिन चंद्रयान-3 ने चांद के साउथ पोल पर सफलता पूर्वक लैंडिंग की थी.

Image Credit: PTI

इसी के साथ भारत चांद की इस जगह पहुंचने वाला एकलौता देश बन गया था और 23 अगस्त का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया.

Image Credit: ISRO

लेकिन आज हम बात कर रहे हैं भारतीय अंतरिक्ष प्रोग्राम यानी इंडियन स्पेस सिस्टम के जनक की, जो कि एक महान वैज्ञानिक थे.

Image Credit: X/PIB_India

ये और कोई नहीं बल्कि इनका नाम है डॉ. विक्रम अंबालाल साराभाई, इन्हें विक्रस साराभाई नाम से भी जाना जाता है.

Image Credit: X/rssurjewala

वह हमेशा चाहते थे कि विज्ञान के नए-नए प्रयोग आम आदमी तक पहुंचे और सरकार को भी स्पेस का महत्व पता चले, इसीलिए उन्होंने भारत के अतंरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत की.

Image Credit: X/MyGovArunachal

उनका जन्म 12 अगस्त 1919 को अहमदाबाद के एक बिज़नेसमैन परिवार में हुआ, उनके 7 भाई बहन और थे.

Image Credit: X/PIB_India

इन्हीं के प्रयासों से साल 1969 में ISRO की शुरुआत हुई, वे इसरो के पहले चेयरमैन भी बने.

Image Credit: X/BiswajitThongam

इतना ही नहीं मिसाइल मैन के नाम से मशहूर 'एपीजे कलाम' भी उन्हें अपना गुरु मानते थे.

Image Credit: X/AjitPawarSpeaks

साराभाई वही शख्स थे जिन्होंने अब्दुल कलाम की मेहनत को दिशा दी और उन्हें अहम प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंपी.

Image Credit: X/INCIndia

डॉ. विक्रम साराभाई को कई सम्मान दिए गए, उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण दोनों ही सम्मान मिले.

Image Credit: X/JoshiPralhad

बता दें, डॉ. विक्रम साराभाई की 31 दिसंबर 1971 में दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई. और उनकी आखिरी बातचीत डॉ. कलाम से ही थी.

Image Credit: X/Manekagandhibjp

और देखें

गिरते हुए तारे के बारे में सबसे बड़ा झूठ क्या है?

आर्यभट्ट से चंद्रयान-3 तक, ISRO के 6 सफल मिशन

चाणक्य नीति के मुताबिक ये लोग होते हैं आपके सच्चे 'शुभ चिंतक'

23 अगस्त को क्यों मनाया जा रहा है पहला नेशनल स्पेस डे?

Click Here