कौन था राजा 'शेरखान', जिससे जान बचा बीच युद्धभूमि से भागा हुमायूं

Story created by Renu Chouhan

03/08/2024

मुगलों की युद्ध जीतने की गाथाओं से इतिहास भरा पड़ा है, लेकिन ऐसे भी कई और राजा रहे हैं जिन्होंने मुगलों को धूल चटा दी.

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ऐसे ही एक राजा थे शेरखान (सूरी साम्राज्य के संस्थापक शेर शाह सूरी), जिनसे जान बचाने के लिए मुगलों के दूसरे शासक हुमायूं को युद्धभूमि से ही भागना पड़ा.

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नौबत यहां तक की एक भिश्ती की मदद से हुमायूं जैसे-तैसे अपनी जान बचा नदी पार कर पाया.

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इस शेरखान ने हुमायूं को युद्ध में खूब लूटा और मुगलों के 7 हज़ार सैनिकों को भी मार गिराया.

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दरअसल, अफगानी शेरखान मुगलों का वफादार था लेकिन अंदर ही अंदर वह मुगलों को निकालने की योजनाएं भी बनाता रहता था.

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वह बहादुरशाह का करीबी था और बहादुरशाह हुमायूं का दुश्मन, शेरखान ने हुमायूं के मालवा अभियान से ही अपनी स्थिति को मजबूत बना लिया था.

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वह जान गया था कि हुमायूं अपने सामने मौजूद राजनीतिक और सैन्य स्थिति को समझने में असमर्थ है.

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इसीलिए वह कभी शेरखान की ताकत को कभी भाप नहीं पाया.

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उस समय बंगाल सोने की धरती हुआ करती थी, यह राज्य वस्तुओं के उत्पादन में समर्थ था और विदेशी व्यापार का केंद्र भी था.

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इसीलिए शेरखान ने हुमायूं को प्रस्ताव भेजा कि बंगाल को उसके अधीन रहने दिया जाए, वो बिहार को उसको सौंप देगा और 10 लाख दीनार का खिराज भी देगा.

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लेकिन हुमायूं ने ये प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया और यही बात शेरखान के मन में बैठ गई, कुछ सालों बाद युद्ध हुआ और हुमायूं बुरी तरह हारा.

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