भारत की वो रानी जिसे मुगलों की 3 हज़ार सेना नहीं मार पाई
Story created by Renu Chouhan
24/06/2024
ये बात इतिहास में दर्ज है कि मुगलों ने एक-एक कर भारत के सभी राज्यों पर अपना कब्जा जमाया, लेकिन ये जीत उनको इतनी आसानी से नहीं मिली.
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क्योंकि कई भारतीय राजाओं ने अपने राज्यों को बचाने के लिए मुगलों से युद्ध किया, उन्हें हराया. लेकिन इसी युद्ध में एक रानी का नाम भी शामिल है, जिन्होंने मुगलों से जंग की और जीतीं.
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ये रानी कोई और नहीं बल्कि वीरांगना महारानी दुर्गावती हैं, जो कालिंजर के राजा कीर्तिसिंह चंदेल की एकलौती संतान थीं.
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रानी दुर्गावती बहुत ही साहसी थीं, इनकी शादी गोंडवाना राज्य के राजा संग्राम साह के पुत्र दलपत शाह से हुई.
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शादी के कुछ ही साल बाद रानी दुर्गावती के पति की मृत्यु हो गई, इस समय उनके पुत्र सिर्फ 5 वर्ष के ही थे.
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इसके बाद उन्होंने गोंडवाना क्षेत्र को 15 सालों तक संभाला, वहां धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक उन्नति की.
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इस बीच अकबर के कानों तक रानी की बहादुरी के किस्से पहुंचे, तब अकबर ने गोंडवाना राज्य जीतकर रानी को अपने हरम में डालने की योजना बनाई.
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लेकिन रानी ने सम्मान से युद्ध में मरना बेहतर समझा, और अकबर से लड़ने का फैसला किया.
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रानी के पास सेना कम थी, तब भी उन्होंने अपने सैनिकों के साथ 3 हज़ार से ज्यादा मुगल सैनिकों को मार गिराया.
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रानी दुर्गावती आखिर तक बहुत लड़ीं. आंख, बाजु, कंधे और यहां तक की गर्दन में भी तीर लगे. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.
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आखिर में जब सब नष्ट होता दिखा तो अपनी कटार को अपने ही पेट में मारकर वो वीरगति को प्राप्त हुईं. वो दिन 24 जून 1524 का ही था.
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