कौन था दौलत खान, जिसने बाबर को दिया भारत पर आक्रमण करने का निमंत्रण
Story created by Renu Chouhan
24/07/2024 1517 में सिंकदर लोदी की मृत्यु हो चुकी थी, और उनका बेटा इब्राहिम लोदी तख्त पर बैठ गया था.
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इब्राहिम लोदी ने अपनी ताकत से अफगान सरदारों और राजपूतों को शक्ति का प्रदर्शन कर दिया था.
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लेकिन अफगान का एक सबसे शक्तिशाली और स्वंतत्र सरदार था दौलत खान लोदी, जो कि पंजाब का सूबेदार था.
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इब्राहिम से सुलह कराने के लिए उसने अपने बेटे को उसके दरबार भेजा, लेकिन सफलता नहीं मिली.
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इस बीच बाबर ने तुर्कों के क्षेत्रों को वापस मांगने के लिए दौलत खान और इब्राहिम को पत्र के साथ दूत भेजे.
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लेकिन दौलत खान ने बाबर के दूत को नज़रबंद कर दिया, इतना ही नहीं उसने बाबर के जीते हुए किले भीड़ा को भी अपने कब्जे में ले लिया.
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लेकिन वो अपने भाई इब्राहिम लोदी से जीतना चाहता था, इसीलिए दौलत खान का एक प्रतिनिधिमंडल बाबर से मिला और उसे भारत आने का निमंत्रण दिया.
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इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दौलत खान का बेटा दिलावर खान कर रहा था.
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कारण था इब्राहिम लोदी को अपने दुश्मन के साथ मिलकर हटाना, लेकिन दौलत खान पहले भी बाबर को धोखा दे चुका था.
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और आगे भी उसने धोखा दिया, लेकिन बाबर ने 1525 में दौलत खान की 30 से 40 हज़ार सेना को परास्त किया और पंजाब का स्वामी बन गया.
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