इस राजा ने 16वीं शताब्दी में बनवाए 1700 सराय, लोग आज भी करते हैं उनका इस्तेमाल
Story created by Renu Chouhan
08/08/2024 राजा शेरशाह के समय को दिल्ली सल्तनत के लिए सबसे बढ़िया माना जाता है.
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क्योंकि इसी राजा ने उस दौरान कानून व्यवस्था को ठीक किया. व्यापार और वाणिज्य पर भी बहुत ध्यान दिया.
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शेरशाह के इतिहासकार अब्बास खान सरवानी ने लिखा है कि इस राजा ने लगभग 1700 सराय बनवाए.
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सराय मतलब सड़कों के किनारे मौजूद यात्रियों के लिए खाने और आराम करने का स्थान.
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इसी के साथ शेरशाह ने 'ग्रांड ट्रंक रोड' भी को भी ठीक करवाया. ये सड़क इतनी लंबी भी भारत को मध्य एशिया तक जोड़ती थी.
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इस सड़क का मकसद था राज्य में व्यापार को बढ़ाना. शेरशाह ने यात्रियों की सुविधा के लिए इस सड़क पर हर दो कोस (लगभग 8 किलोमीटर) पर सराय भी बनवाए.
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इन सराय में यात्री रात गुजार सकते थे और अपने सामान को सुरक्षित रख सकते थे.
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इतना ही नहीं शेहशाह ने इन सरायों में हिंदुओं और मुसलमानों के लिए अलग-अलग कमरे भी बनाए. यहां यात्रियों के लिए बिस्तर, खाना और उनके घोड़ों के लिए दाना आदि सब कुछ होता था.
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इन सरायों के आस-पास गांव बसाए गए और सभी सरायों पर शहना (हाकिम) के अधीर कई पहरेदार भी होते थे.
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कहते हैं शेरशाह ने कुल 1700 सराय बनवाईं और उनमें से कुछ आज भी मौजूद हैं. इन सरायों को 'साम्राज्य की धमनियां' भी कहा गया है.
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अब कई सराय मंडियों (कस्बों) में बदल गईं, जहां किसान अपनी फसल बेचने के लिए आया करते थे.
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