शेरशाह के नाम पर कलंक है इतिहास की ये घटना

Story created by Renu Chouhan

09/08/2024

शेरशाह कितना चालाक राजा था इस बात को साबित करने के लिए इतिहास में कई किस्से मौजूद हैं.


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लेकिन इतिहास में एक घटना और है जिसे शेरशाह के नाम पर कलंक माना जाता है.

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सतीश चंद्र की किताब 'मध्यकालीन भारत' में एक ऐसी घटना का वर्णन है जो वाकई में शर्मनाक है.

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दरअसल, शेरशाह का साम्राज्य बंगाल से लेकर सिंध (कश्मीर को छोड़) तक फैला हुआ था.

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पश्चिम में उसने मालवा और लगभग पूरे राजस्थान को जीत लिया था, लेकिन मालवा को जीतने के दौरान ही एक धोखे से हज़ारों राजपूतों के परिवारों को मार डाला गया.

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किताब के मुताबिक चंदेरी के शक्तिशाली दुर्ग के रक्षक पूरनमल ने सुरक्षित निकल जाने के पक्के वादे पर किला खाली कर दिया था.

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लेकिन उस पर और उसके 1000 राजपूत दलों और उनके परिवारों पर किले के बाहर धोखे से हमला किया और सभी को मार डाला.

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उस समय राजा-महाराजा अपने वचन के लिए जाने जाते थे, लेकिन तब मौजूद उलमाओं ने फतवा दिया कि काफिरों से किए गए वादे का पालन करना आवश्यक नहीं.

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आगे यह भी कहा कि पूरनमल दंड का पात्र था, क्योंकि उसने मुसलमानों पर जुल्म ढाए थे और मुस्लिम स्त्रियों को अपने घर में रख छोड़ा था.

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