बाबर पढ़ा लिखा था या फिर अनपढ़?
Story created by Renu Chouhan
29/07/2024 मुगलों की युद्ध नीति बहुत ही बढ़िया थी, इसी वजह से वो लगभग हर युद्ध जीते.
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और जिन युद्धों को न जीत पाए, उन्हें लगातार जीतने का प्रयास करते रहे.
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अब उस समय एक राजा या शासक में यही गुण मुख्य होता था.
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लेकिन बाबर तलवार के साथ-साथ कलम चलाने में भी माहिर था.
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जी हां, बाबर पढ़ा-लिखा था. उसने खुद की जीवनी लिखी थी, जिसका नाम था 'बाबरनामा'.
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इस बाबरनामा (तुज़ुक-ए-बाबरी) में उसने 11 साल की उम्र में राजा बनने से लेकर आखिर तक, अपने जीवन के बारे में सब लिखा हुआ है.
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यह किताब आज भी दुनिया की मुख्य किताबों में गिनी जाती है.
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इसी वजह से बाबर अपने समय में मशहूर लेखकों में गिना जाता था.
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बाबरनामा के अलावा बाबर ने दो रचनाएं और की थीं. पहली मसनवी और दूसरी प्रसिद्ध सूफी ग्रंथ, जो तुर्की भाषा में मौजूद हैं.
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बता दें, बाबर की मात्रभाषा तुर्की थी, इसी वजह से वो वहां के मशहूर लेखकों में गिना जाता है.
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