युद्ध भूमि पर नहीं, यहां हुई थी हुमायूं की अजीबो-गरीब मौत
Story created by Renu Chouhan
05/08/2024 लगभग सभी राजा-महाराजाओं ने अपनी जान युद्ध भूमि पर ही गवाई है, ऐसा बहुत ही कम देखा गया किसी राजा की आकस्मिक मौत हुई हो.
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लेकिन भारत के इतिहास में एक ऐसा शासक रहा है जिसकी मृत्यु युद्ध भूमि में नहीं बल्कि अपने महल में बड़े ही अजीबो-गरीब तरीके से हुई.
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ये राजा कोई और नहीं बल्कि मुगलों के पहले शासक बाबर का प्रिय पुत्र हुमायूं ही था.
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हुमायूं का जीवन बहुत ही उतार चढ़ाव वाला रहा, क्योंकि मुगल साम्राज्य को हिंदुस्तान में स्थापित करने की जिम्मेदारी हुमायूं की ही थी.
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बाबर ने सिर्फ अपने वंशों को हिंदुस्तान दिखाया लेकिन यहां स्थाई साम्राज्य नहीं बन पाया था, वो काम हुमायूं ने किया.
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इसी के साथ भाइयों के बीच कलह को भी इसी शासक ने झेला, क्योंकि तैमूरी परंपरा में भाइयों के बीच साम्राज्य का बंटवारा किया जाता था.
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लेकिन हुमायूं के अलावा उस समय उसका ऐसा कोई भाई नहीं था जो मुगल साम्राज्य को बढ़ा सके.
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इसी वजह से हुमायूं ने अपने जीवन में बहुत युद्ध से जीते, कई हारे. कई बार वो कंगाल हुआ तो कभी फिर से अमीर.
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लेकिन उसकी मृत्यु कहीं और नहीं बल्कि अपने ही महल में बने पुस्तकालय की इमारत की पहली मंजिल से गिरकर हुई.
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जी हां, हुमायूं दिल्ली में मौजूद दिनपनाह भवन की पुस्तकालय में था. वहीं पहली मंजिल से वह गिरा और मर गया.
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इसके बाद किले के पास ही उसकी प्रिय पत्नी ने एक शानदार मकबरा बनवा दिया. इसी मकबरा के नाम है 'हुमायूं का मकबरा'.
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