क्या आप जानते हैं कि कोरोना के पौने दो साल के दौरान स्कूल और कॉलेज की फीस कितनी बढ़ी है? हम भी नहीं जानते. मानकर चला जा सकता है कि जो अमीर जनता 100 रुपये लीटर आराम से खरीद रही है, वही अमीर जनता महंगी फीस भी आराम से दे रही होगी. जनता के बीच इतनी स्वीकृति है कि सरकार को अफसोस हो रहा होगा कि पेट्रोल के दाम 200 रुपये करना चाहिए था.
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