विदेशों में पढ़ने का सपना कई छात्र और उनके अभिभावक पालते हैं, पैसे इकट्ठा करते हैं, सालों से मेहनत करते हैं लेकिन कोविड-19 ने कइयों की जमापूंजी बर्बाद कर दी. कोरोना के कम होते प्रकोप के बीच अब धीरे-धीरे विदेशी यूनिवर्सिटीज के दरवाजे छात्रों के लिए खुलने लगे हैं लेकिन कई परिवार आर्थिक तंगी के कारण अपना सपना पूरा नहीं कर पा रहे हैं. 2020 का आंकड़ा बताता है की स्टूडेंट वीजा में करीब 55% की गिरावट आयी है.











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