आइस बकेट चैलेंज से लेकर राइस बकेट चेलैंज तक, ऐसी चुनौती जो अलग है. मंजुलता कलानिधि ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके ऐसे इसके जरिए लोगों को मदद की. साथ ही उनकी इस कोशिश में लोटोलैंड ने दिये हैं एक लाख रुपये.हैदराबाद स्थित मंजुलता कलानिधि की राइस बकेट चैलेंज पहल यह सुनिश्चित कर रही है कि कोविड महामारी के दौरान कोई भी भूखा नहीं रहे.










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