कुंभ का स्थान कैसे तय होता है?
Story created by Renu Chouhan
04/12/2024 आपको ये बात मालूम है कि हर तीन साल में कुंभ का मेला लगता है.
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ये मेला प्रयागराज के अलावा नासिक, हरिद्वार और उज्जैन, इन तीन स्थानों पर ही लगता है.
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लेकिन क्या आपको ये मालूम है कि आखिर किस साल में कहां कुंभ का मेला लगेगा, ये तय कैसे होता है?
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चलिए आपको बताते हैं कि आखिर कुंभ मेले का स्थान कैसे तय होता है.
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तो आपको बता दें कि शास्त्रों के अनुसार जब देवताओं के गुरु बृहस्पति वृभष राशि में होते हैं और ग्रहों के राजा सूर्य मकर राशि में होते हैं, तो महाकुंभ का आयोजन किया जाता है.
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प्रयागराज कुंभ - जैसे कि साल 2025 में ग्रहों की यही स्थिति बन रही है, इसीलिए इस बार महाकुंभ प्रयागराज में हो रहा है.
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नासिक कुंभ - जब ब्रहस्पति और सूर्य ग्रह दोनों ही सिंह राशि में होते हैं तो कुंभ के मेले का आयोजन नासिक में किया जाता है.
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उज्जैन कुंभ - जब गुरु गृह बृहस्पति सिंह राशि में होते हैं और सूर्य मेष राशि में होते हैं तो कुंभ मेले का आयोजन उज्जैन में लगता है.
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हरिद्वार कुंभ - जब गुरु बृहस्पति कुंभ राशि और ग्रहों के राजा सूर्य मेष राशि में होते हैं तो इस स्थिति में कुंभ हरिद्वार में लगता है.
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