कौन थे 'पायलट बाबा', जिन्हें मिले 'महाभारत' के योद्धा अश्वत्थामा
Story created by Renu Chouhan
21/08/2024 देश के जाने माने संत और पंच दशनम जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर 'पायलट बाबा' का निधन हो गया. वे बहुत ही पॉपुलर आध्यात्म गुरु थे.
Image Credit: Instagram/pilotbabaji
ये पहले ऐसे बाबा थे जो बहुत पढ़े-लिखे यानी भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर के पद पर तैनात थे. इसीलिए उन्हें पायलट बाबा कहा जाता था.
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इतना ही नहीं वह 1962 के भारतीय-चीन युद्ध और फिर 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का भी हिस्सा रहे थे.
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वह 33 साल में ही रिटायर हो गए और आध्यात्मिक मार्ग अपना लिया, उन्होंने देश और विदेश में कई आश्रम और आध्यात्मिक केंद्र स्थापित किए.
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आध्यात्म के रास्ते पर चलने की प्रेरणा उन्हें अपने गुरु हरि बाबा से मिली.
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बता दें, पायलट बाबा ने अपनी कहानी में बताया कि जब 1962 में वो मिग फाइटर प्लेन उड़ाते समय दुर्घटना का शिकार हुए तो कॉकपिट में उन्हें हरि बाबा के दर्शन हुए.
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बस इसी के बाद उन्होंने सुरक्षित लैंडिंग की और रिटायर होकर अपना जीवन आध्यात्म की ओर लगा दिया.
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इसके अलावा उन्होंने कई किताबें भी लिखीं जैसे 'Unveils Mystery of Himalaya (पार्ट 1)' और 'Discover Secret of The Himalaya (पार्ट 2)'.
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इन किताबों में उन्होंने लिखा कि वह 'महाभारत' के योद्धा अश्वत्थामा से मिले जो हिमालय में मौजूद जनजातियों के बीच रह रहे थे.
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इसी जगह पर पायलट बाबा ने भी 16 साल तपस्या की, ऐसा इसी किताब में बताया गया है.
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बता दें, पायलट बाबा का जन्म बिहार के सासाराम में हुआ. बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से उन्होंने ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में मास्टर की.
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इसके बाद वो 1957 में वायुसेना में शामिल हो गए और 1971 में 33 साल की उम्र में रिटायर होकर बाबा बन गए.
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