Story created by Renu Chouhan
दुश्मन से भी खतरनाक कौन होता है?
Image Credit: Unsplash
अगर आपसे पूछा जाए कि आपको दुश्मन या शत्रु से भी ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला कौन हो सकता है?
Image Credit: Unsplash
इस सवाल के सभी लोगों के अलग-अलग जवाब हो सकते हैं.
Image Credit: Unsplash
लेकिन एक जवाब आपको चाणक्य की लिखी हुई उनकी नीति में भी मिलेगा.
Image Credit: Unsplash
चाणक्य नीति में एक वाक्य है "शत्रोरपि विशिष्यते व्याधि:".
Image Credit: Unsplash
इसका अर्थ है कि शरीर के रोग शत्रु से भी अधिक हानिकारक होते हैं.
Image Credit: Unsplash
रोग के कारण मनुष्य के शरीर पर आठों प्रहर आक्रमण की सी स्थिति बनी रहती है.
Image Credit: Unsplash
मनुष्य शत्रु के आक्रमण से भयभीत रहता हैं परंतु व्याधि तो शरीर के अंदर रहने वाला शत्रु है.जो जीवन पर हर समय आक्रमण करता करता है.
Image Credit: Unsplash
रोगों के कारण मनुष्य के प्राण, धन और उसके शरीर का विनाश होता है.
Image Credit: Unsplash
उसका शरीर कमज़ोर हो जाता है. दवाइयों पर धन नष्ट होता है, इसलिए रोग शत्रु की अपेक्षा अधिक हानिकारक होता है.
और देखें
न पानी न साबुन, ऊनी कपड़े चमकाने के लिए बस करें ये 2 आसान काम
इन 7 परेशानियां का इलाज है 1 इलायची
सर्दियों में दही खाने से क्या होता है?
लॉरेंस बिश्नोई ही नहीं ये भी हैं भारत के 10 बड़े गैंगस्टर
Click Here