वास्तु के अनुसार कैसा होना चाहिए पूजा घर
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर पर देवी-देवताओं की कृपा रहे, पूजा-पाठ का पूर्ण लाभ मिले, इसके लिए आवश्यक है कि पूजाघर वास्तु नियमों के अनुसार हो.
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वास्तु के अनुसार, पूजा कक्ष को शांत जगह पर होना चाहिए. इसका रंग सफेद, पीला, हल्का नीला, नारंगी जैसे रंग हो सकते हैं.
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पूजा कक्ष में रखे देवी-देवता के मुख की दिशा उत्तर-पूर्व की ओर होनी चाहिए. पूजा करते समय इसे शुभ माना गया है.
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वास्तु के अनुसार पूजा कक्ष बनाते हुए इस बात का ध्यान रखें कि यह सीढ़ियों या बाथरूम से दूर होना चाहिए.
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वास्तु के अनुसार, देवी-देवता को जमीन में नहीं रखना चाहिए. बल्कि मूर्तियों के लिए एक चौकी, या कपड़ा ले आएं. देवी-देवताओं को जमीन से ऊपर रखना चाहिए.
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वास्तु के अनुसार, देवी- देवताओं की टूटी-फूटी मूर्तियों रखने से बचना चाहिए. ये अशुभ मानी गई हैं और इनसे वास्तु दोष लगता है.
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पूजाघर में महाभारत नहीं रखनी चाहिए. प्राणी, पक्षियों के चित्र नहीं लगाने चाहिए. दिवंगतों की तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए.
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पूजा स्थल में सुबह -शाम नियमित रूप से दीपक जलाना चाहिए. यहां पर शंख जरूर रखना चाहिए.
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वास्तु में कहा गया है कि धन प्राप्ति के लिए उत्तर दिशा एवं ज्ञान प्राप्ति के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके की गई पूजा लाभ देती है.
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कभी भी सूखे हुए पुष्प पूजा घर में नहीं रखने चाहिए. वास्तु में इन्हें शुभ नहीं माना गया है. पुष्पों के मुरझाते ही इन्हें हटा देना चाहिए.
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