Story Created By: Arti Mishra

सावन 2025: सुहागनों के लिए हरी चूड़ियां पहनने का महत्व

सावन का महीना बेहद पवित्र माना जाता है. इस माह में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने व व्रत रखने का विधान है.

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इस साल सावन माह 11 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है और इसका समापन 9 अगस्त को होगा. यह माह शृंगार के लिए भी खास माना गया है.

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इस महीने महिलाएं मेहंदी लगाती हैं, झूला झलती हैं, शृंगार करती हैं और हरी-हरी चूड़ियां पहनती हैं. क्या आप जानते हैं कि सावन में हरी चूड़ी पहनने का क्या महत्व है?

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सावन शुरू होते ही बारिश की वजह से चारों ओर हरियाली होती है और इस माह महिलाओं के सुहाग का खास पर्व हरियाली तीज भी होता है.

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हरा रंग को प्रकृति का रंग माना जाता है. भगवान शिव और प्रकृति के बीच गहरा संबंध बताया जाता है.

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महादेव का वास प्रकृति की गोद हिमालय में वर्णित है. साथ ही उनकी पूजा में बेलपत्र, धतूरा, भांग जैसी चीजें चढ़ाई जाती हैं, जिनका रंग हरा होता है.

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यही वजह है कि सावन में हरे रंग का विशेष महत्व है. सावन में महिलाएं भगवान शिव-माता पार्वती की पूजा करती हैं. 

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हरे रंग को सुहाग का प्रतीक माना गया है. यही कारण है कि सावन में सुहागन महिलाएं हरे वस्‍त्र, मेहंदी, चूड़ी पहनती हैं.

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 मान्यतानुसार सुहागन स्त्रियां हरे रंग की चूड़ी व वस्‍त्र पहनकर पूजन करती हैं तो भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होते हैं.

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इस पूजा का मनचाहा फल उन्‍हें प्राप्‍त होता है और माता पार्वती उन्‍हें सुहाग व अखंड सौभाग्‍य का वरदान देती हैं.

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