Story created by Renu Chouhan

आपके पूरे जीवन का विनाश कर देती है ये 1 चीज़

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आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में एक वाक्य लिखा है 'नास्त्यलसस्यैहिकामुष्मिकम्'.

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इसका अर्थ है कि आलस्य के कारण व्यक्ति का विनाश हो जाता है.

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चाणक्य ने और आसान शब्दों में बताया कि जिस व्यक्ति को अपने कार्य में किसी प्रकार का उत्साह नहीं होता वह मूर्ख तो होता ही है...

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लेकिन उसे अपने आलस्य के कारण वर्तमान और भविष्य से संबंधित किसी कार्य में सफलता भी नहीं प्राप्त होती.


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सफलता का अर्थ यह है कि जो व्यक्ति वर्तमान में सफल है वह अपने उत्साह के कारण भविष्य में भी सफल होने की आशा कर सकता है.


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यानी जिस व्यक्ति ने अपने उत्साह के कारण वर्तमान को सुरक्षित बना लिया है उसके भावी कार्य भी अवश्य सफल होने की संभावनाओं से पूर्ण होते हैं.


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आलसी व्यक्ति जीवन में पराजय का ही मुख देखता है.


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इसीलिए आलस को छोड़े समय पर सोएं ताकि सुबह समय पर उठ सकें.


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साथ ही ध्यान रखें कि बिता हुआ समय वापस नहीं आता, इसीलिए हर पल में सफल होने के लिए मेहनत करें.

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