प्यार के बारे में चाणक्य ने कही ऐसी बात, जानकर आप भी कहेंगे 'बिल्कुल सही'
Story created by Renu Chouhan
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प्यार हमेशा दुख और तकलीफ देता है...ऐसा आपने बॉलीवुड की कई फिल्मों में भी सुना होगा.
लेकिन ये बात खुद चाणक्य ने भी अपनी नीति में कही है.
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चाणक्य नीति में एक श्लोक है "यस्य स्नेहो भयं तस्य स्नेहो दुखस्य भाजनम्। स्नेहमूलानि दुखानि तानि त्यक्त्वा वसेत्सुखम्।।"
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इस श्लोक का हिंदी में अर्थ है कि जिसका किसी के प्रति स्नेह अथवा प्रेम होता है, उसी से उसको भय भी होता है.
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यानी स्नेह या प्रेम ही दुख का आधार है. स्नेह ही सारे दुखों का मूल कारण है.
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इसीलिए उन स्नेह बंधनों को त्यागकर सुखपूर्वक रहने का प्रयत्न करना चाहिए.
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यानी जिस प्यार से तकलीफ हो या भय हो, उन रिश्तों को भूलकर आगे बढ़ना चाहिए.
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