Story created by Renu Chouhan

अपने काम के समय सोएं ये 7 लोग, तो उन्हें उठा दें

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चाणक्य नीति में एक श्लोक लिखा है "विद्यार्थी सेवक: पान्थ क्षुधार्तो भयकातर:, भाण्डारी प्रतिहारी च सप्त सुप्तान प्रबोधयेत्।।".

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चाणक्य ने इस श्लोक में ऐसे 7 लोगों के बारे में बताया है जिन्हें अपने कार्यकाल में सोना नहीं चाहिए, और अगर सोएं तो उन्हें उठा देना चाहिए.

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ये 7 लोग हैं विद्यार्थी, सेवक, मार्ग में चलने वाला पथिक, यात्री, भूख से पीड़ित, डरा हुआ व्यक्ति और भंडार की रक्षा करने वाला द्वारपाल.


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चाणक्य ने अपनी नीति में इन 7 लोगों के बारे में कहा कि अगर ये अपने कार्यकाल में सो रहे हों, तो उन्हें जगा देना चाहिए.


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चाणक्य ने आगे बताया कि यदि विद्यार्थी सोता रहेगा तो पढ़ेगा कब. मालिक यदि सेवक को सोता देख लेता तो उसे नौकरी के पृथक कर देगा.


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यदि यात्री रास्ते में सो जाएगा तो या तो उसकी चोरी हो जाएगा. सपने में अगर कोई प्यास या भूख से व्याकुल है, तो उसे जगाना ही उसकी समस्या का समाधान है.


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भंडार के रक्षक या द्रारपाल सो रहे हों तो इन्हें जगा देना ठीक रहता है, क्योंकि इनके सोने से उनकी ही नहीं अनेक लोगों की हानि होती है.


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आचार्य के इस कथन को शास्त्र के उन आदेशों से जोड़कर देखना चाहिए, जिनमें यह कहा दया है कि सोते हुए व्यक्ति को उठाना नहीं चाहिए.


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