Story created by Renu Chouhan
मूर्ख लोगों से कैसे बात करनी चाहिए?
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हमारी रोज़ाना की जिंदगी में हमसे कई लोग टकराते हैं, उनमें से कुछ मूर्ख यानी नासमझ भी होते हैं.
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चाणक्य ने अपनी नीति में बताया कि ऐसे लोगों से कैसे बात करनी चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.
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चाणक्य नीति में एक वाक्य है "मूर्खेषु विवादो न कर्तव्य:".
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इसका अर्थ है कि मूर्ख व्यक्तियों से किसी प्रकार का वाद-विवाद नहीं करना चाहिए.
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जिन व्यक्तियों को उचित और अनुचित कार्यों के संबंध में किसी प्रकार का ज्ञान नहीं, उनके काम के संबंध में वाद-विवाद करना व्यर्थ होता है.
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इसके बाद चाणक्य ने एक और वाक्य में मूर्खों के बारे में ही बताया कि..."मुर्खेषु मूर्खवत् कथयेत्".
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इस वाक्य में चाणक्य ने बताया कि मूर्खों से मूर्खों के समान ही व्यवहार करना चाहिए.
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मूर्ख से सज्जनतापूर्ण व्यवहार करने से कोई लाभ नहीं होता. उनकी समझ में केवल कठोर व्यवहार ही आता है.
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चाणक्य ने आगे बताया कि मूर्खों से समानता का व्यवहार करने वाला व्यक्ति सदा संकट में पड़ा रहता है.
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