हवन-यज्ञ में क्यों बोला जाता है स्वाहा?
Story created by Renu Chouhan
03/1/2025 शादी हो या मुंडन, घर में पूजा हो या फिर कुछ नए काम की शुरुआत की हो...हर मौके पर हवन या यज्ञ होता है.
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हवन के दौरान अग्निकुंड रखा जाता है, उनमें अग्नि जलाकर मंत्रों का उच्चारण किया जाता है और हर मंत्र के आखिर में कहा जाता है स्वाहा.
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क्या आप जानते हैं कि आखिर ये 'स्वाहा' शब्द क्यों कहा जाता है?
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अगर नहीं पता तो चलिए आज आपको बताते हैं कि आखिर हर हवन-यज्ञ के दौरान स्वाहा क्यों कहा जाता है.
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दरअसल, स्वाहा शब्द का अर्थ होता है 'सही रीति से पहुंचना' होता है.
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लेकिन इस शब्द का एक और अर्थ भी है, वो जुड़ा है अग्निदेव से.
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पुराणों के अनुसार अग्निदेव की पत्नी का नाम स्वाहा था, जो कि दक्ष प्रजापति और प्रसूति की पुत्री थीं.
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और ये मान्यता है कि हवन करते वक्त हर मंत्र के समापन पर उनकी पत्नी स्वाहा के नाम का उच्चारण करने से अग्निदेव प्रसन्न होते हैं और आहुति को संपूर्ण माना जाता है.
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