आखिर कब और क्यों तिरंगे को आधा फहराया जाता है?
Story created by Renu Chouhan
27/12/2024
आप सभी इस बात को जानते होंगे कि देश के तिरंगे को लेकर कई नियम और कानून बनाए गए हैं.
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हर नियम और कानून का उद्देश्य सिर्फ यही है कि किसी भी स्थिति में तिरंगे का अपमान नहीं होना चाहिए.
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यानी हमारे तिरंगे की आन बान और शान बनी रहनी चाहिए, लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिरंगे को आधा भी फहराया जाता है!
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जी हां, कुछ खास परिस्थितियों में तिरंगे को सबसे ऊंचा न फहरा कर सिर्फ आधा ही फहराया जाता है. चलिए बताते हैं क्यों?
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दरअसल, तिरंगे को लेकर बनाए गए नियमों में पूरे देश में, राज्य में और खास स्थान पर तीन परिस्थितियों में तिरंगे को आधा फहराया जाता है.
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पूरे देश में - जब भी किसी भारत के राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति या फिर प्रधानमंत्री की मृत्यु होती है. उस परिस्थिति में राष्ट्रीय शोक घोषित किया जाता है और पूरे देश में झंडे को आधा फहराया जाता है.
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राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में - वहीं, जब राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के गवर्नर, लेफ्टिनेंट गवर्नर या फिर मुख्य मंत्री की मृत्यु होती है तो उस परिस्थिति में उसी राज्य या UT में तिरंगे को आधा फहराया जाता है.
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खास जगह पर - भारत के किसी खास मिशन के दौरान जब भी उसके हेड ऑफ स्टेट या हेड ऑफ गर्वनमेंट की मृत्यु होती है, उस परिस्थिति में मिशन की जगह पर ही तिरंगे को आधा फहराया जाता है.
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तिरंगे के नियम के मुताबिक जब भी इसे आधा फहराया जाएगा तो कोई और झंडा इससे ऊपर नहीं होना चाहिए.
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