Story created by Renu Chouhan
सफल होना है तो हर विद्यार्थी त्याग दे ये 8 चीज़ें
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चाणक्य ने सिर्फ काम-काज या फिर उनके काम आने वाली नीतियों के बारे में ही नहीं बताया है.
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उन्होंने शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों के लिए भी कुछ बातें कही हैं, जिनमें से 1 है ये.
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चाणक्य नीति में एक वाक्य है "कामं क्रोधं तथा लोभं स्वादं शृंगारकौतुके। अतिनिद्रातिसेवे च विद्यार्थी हाष्य वर्जयेत्।।".
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आचार्य चाणक्य ने इस वाक्य में ऐसी 8 चीज़ों का वर्णन किया है, जिसे हर विद्यार्थी को त्याग देनी चाहिए.
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क्योंकि अगर वो इन 8 चीज़ों का त्याग नहीं करेंगे, तो कभी सफल नहीं हो पाएंगे.
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और ये 8 चीज़ें हैं - काम, क्रोध, लोभ, स्वादिष्ट पदार्थों की इच्छा, शृंगार, खेल-तमाशे, अधिक सोना और चापलूसी करना.
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आचार्य के मुताबिक यही 8 चीज़ें विद्यार्थियों की सफलता में बाधा डालती हैं, इसीलिए सबसे पहले इन्हीं का त्याग करें.
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उसके बाद उन्हें परीक्षा में या उनके जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता.
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