गंदे दांतों वाले लोगों के लिए चाणक्य ने कही ये बात

Story created by Renu Chouhan

19/09/2025

ओलर हाइजीन बेहतर स्वास्थ्य के लिए सबसे जरूरी है.

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सबसे ज्यादा दांत, जिन्हें इंसान में सबसे पहले नोटिस किया जाता है.

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इस बात का जिक्र खुद चाणक्य ने भी अपनी नीति में किया है.

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उन्होंने लिखा है "कुचैलिनं दन्तमलोपसृष्टं बह्वाशिनं निष्ठुरभाषिणं च। सूर्योरये चास्तमिते शयानं विमुच्चति श्रीर्यदि चक्रपाणि:।।"

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संस्कृत में इस श्लोक का अर्थ है कि गंदे कपड़े पहनने वाले, गंदे दांतों वाले अर्थात दांतों की सफाई न करने वाले, अधिक भोजन करने वाले, कठोर वचन बोलने वाले...

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सूर्य उदय होने तथा सूर्यास्त से समय सोने वाले व्यक्ति को लक्ष्मी - स्वास्थ्य, सौंदर्य और शोभा त्याग देती है, भले ही विष्णु क्यों न हो.

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इसे और आसान भाषा में समझे तो गंदे रहने वाले वाले लोगों को न तो बेहतर स्वास्थ्य मिलता है और न ही सुंदरता. 

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जीवन में बेहतर सेहत, सुंदरता चाहिए तो साफ कपड़े पहनें, दांतों को साफ रखें, जल्दी उठे और जल्दी सोएं...

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इसी के साथ जरूरत से ज्यादा खाना न खाएं और हमेशा अच्छा बोलें. 

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