Story created by Renu Chouhan

इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन कौन है?

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कई लोगों का मानना है कि इस दुनिया में उनका सबसे बड़ा दुश्मन कोई और नहीं बल्कि वो खुद होते हैं.

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यानी इस आप आपका सबसे ज्यादा बुरा सिर्फ आप खुद कर सकते हैं और कोई नहीं.

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लेकिन चाणक्य का ऐसा मानना नहीं है, उनके विचार में मनुष्य का सबसे  बड़ा दुश्मन को खुद नहीं बल्कि कुछ और है.

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और वो दुश्मन है भूख. चाणक्य नीति में एक वाक्य है 'न क्षुधासम: शत्रु:'.


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यानी भूख से बढ़कर मनुष्य का दूसरा कोई शत्रु नहीं.


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आगे उन्होंने एक वाक्य में ये भी बताया कि आखिर किस व्यक्ति को इस सबसे बड़े शत्रु के कष्ट को भोगना पड़ता है.


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ये वाक्य है 'अकृतेर्नियता क्षुत्' यानी निकम्मे व्यक्ति को अक्सर भूख का कष्ट भोगना पड़ता है.


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क्योंकि आलसी औऱ निकम्मा व्यक्ति जीवनभर दरिद्रता में फंसा रहता है. वह स्वंय तो भूखा मरता ही है...


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अपने आश्रितों को भी भूख से मरने के लिए विवश करता है.


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चाणक्य ने आगे कहा कि मनुष्य का कर्तव्य है कि वह अपने जीवन को निकम्मा और आलसी न बनाए.

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