Story created by Renu Chouhan

चाणक्य ने बताया आखिर कैसे लोग हमेशा खुश रहते हैं

Image Credit: Openart

चाणक्य नीति में एक श्लोक है "प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तव:। तस्मात्तदेव वक्तव्यं वचने का दरिद्रता।।".

Image Credit: Unsplash

इस श्लोक में चाणक्य ने बताया है कि मधुर बोली वाले से सभी प्राणी प्रसन्न रहते हैं.

Image Credit: Unsplash

यानी व्यक्ति को सदैव प्रिय वचन ही बोलने चाहिए, उसे चाहिए कि वह वाणी में अमृतरूपी मधुरता घोलकर बोले.

Image Credit: Unsplash

व्यक्ति को वाणी से दरिद्र नहीं होना चाहिए. हमेशा अच्छा बोलना चाहिए.


Image Credit: Unsplash

क्योंकि जो व्यक्ति मीठी बातें बोलता है, प्रेमपूर्वक व्यवहार करता है, वह सबको अपना बना लेता है.


Image Credit: Unsplash

इसीलिए मनुष्यों को मधुर भाषण करने में बिल्कुल भी कंजूसी नहीं दिखानी चाहिए.


Image Credit: Unsplash

इतना ही नहीं अच्छा बोलने वाला यानी मीठा बोलने वाला व्यक्ति खुद भी हर परिस्थिति में खुश रहता है.


Image Credit: Unsplash

उस इंसान के आस-पास रहने वाले सभी लोग भी धीरे-धीरे पॉज़िटिव हो जाते हैं.


Image Credit: Unsplash

इसीलिए अच्छा बोलें, अच्छा सुने और हमेशा अपने बुरे शब्दों पर कंट्रोल रखें. क्योंकि एक बार मुंह से निकला हुआ शब्द कभी वापस नहीं जाता.

और देखें

गंगाजल कभी खराब क्यों नहीं होता?

भेड़िये को क्यों घूरना नहीं चाहिए?

ऐसे व्यक्ति का हर कोई करता है अपमान, घर-बाहर कहीं नहीं मिलता सम्मान

भारत की सबसे साफ नदी, मानो हवा में तैरती हो नाव

Click Here