Story created by Renu Chouhan
चाणक्य ने बताया आखिर कैसे लोग हमेशा खुश रहते हैं
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चाणक्य नीति में एक श्लोक है "प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तव:। तस्मात्तदेव वक्तव्यं वचने का दरिद्रता।।".
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इस श्लोक में चाणक्य ने बताया है कि मधुर बोली वाले से सभी प्राणी प्रसन्न रहते हैं.
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यानी व्यक्ति को सदैव प्रिय वचन ही बोलने चाहिए, उसे चाहिए कि वह वाणी में अमृतरूपी मधुरता घोलकर बोले.
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व्यक्ति को वाणी से दरिद्र नहीं होना चाहिए. हमेशा अच्छा बोलना चाहिए.
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क्योंकि जो व्यक्ति मीठी बातें बोलता है, प्रेमपूर्वक व्यवहार करता है, वह सबको अपना बना लेता है.
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इसीलिए मनुष्यों को मधुर भाषण करने में बिल्कुल भी कंजूसी नहीं दिखानी चाहिए.
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इतना ही नहीं अच्छा बोलने वाला यानी मीठा बोलने वाला व्यक्ति खुद भी हर परिस्थिति में खुश रहता है.
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उस इंसान के आस-पास रहने वाले सभी लोग भी धीरे-धीरे पॉज़िटिव हो जाते हैं.
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इसीलिए अच्छा बोलें, अच्छा सुने और हमेशा अपने बुरे शब्दों पर कंट्रोल रखें. क्योंकि एक बार मुंह से निकला हुआ शब्द कभी वापस नहीं जाता.
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