Story created by Renu Chouhan
गुस्से में न हो जाए कुछ गलत, इसीलिए हमेशा याद रखें चाणक्य की ये बात
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गुस्से में ज्यादातर लोग कुछ न कुछ गलत ही कर बैठते हैं.
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जैसे किसी को गलत कह देना या फिर इससे भी ज्यादा कुछ.
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इसीलिए चाणक्य ने इस परिस्थिति में काबू बनाए रखने के लिए अपनी नीति में एक वाक्य लिखा है 'विवादे धर्ममनुस्मरेत्।।'.
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चाणक्य ने इसमें बताया कि विवाद के समय धर्म के अनुसार कार्य करना चाहिए.
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यानी आपसी लड़ाई-झगड़े या कलह के समय धर्म का ध्यान रखना चाहिए, इसे भूलना नहीं चाहिए.
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लड़ाई के वक्त भी जो व्यक्ति धर्म को याद रखते हैं वे भंयकर पाप करने से बच जाते हैं.
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क्योंकि इस दौरान मनुष्य क्रोध में आकर कुछ भी कर सकता है जिसके कारण बाद में उसे जीवन भर पछताना पड़ता है.
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