ये खूबसूरत चिड़िया भी थी ब्रिटिश सरकार की गुलाम, अंग्रेज़ कराते थे ये जानलेवा काम

Story created by Renu Chouhan

30/12/2024

इस पीले रंग की खूबसूरत चिड़िया को देख किसी का भी मन पिघल जाए.

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लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अंग्रेज सरकार इस खूबसूरत चिड़िया से भी मजदूरी कराते थे.

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जी हां, ये चिड़िया कोयला खदान में काम करती थी. यहां से कोई छोटा-मोटा नहीं बल्कि बेहद ही डरा देने वाला जानलेवा काम करती थी.

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इस खूबसूरत चिड़िया का नाम है कैनरी या कनारी, जिससे अंग्रेज कोयला खदान में जहरीली गैस ढूंढने का काम करवाते थे.

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दरअसल, कोयला खदानों में कई बिना गंध वाली जहरीली गैस होती हैं. इन गैस से खदानों में काम कर रहे मज़दूरों की जान भी चली जाती थी.

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उनकी जान को बचाने के लिए अंग्रेज़ों ने 1896 में कैनरी से पहले चूहों का इस्तेमाल किया, क्योंकि वो भी कोयला खदान में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड  का पता लगा लेते थे.

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कोयला खदानों में मौजूद जहीरीली गैसों को पहचानने के लिए जानवरों का इस्तेमाल 1985 में जॉन स्कॉट हाल्डेन को सुझाया था.

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लेकिन 1900 तक आते-आते यह पता लगाया गया कि कैनरी पक्षी चूहों से ज्यादा संवेदनशील है गैसों को पहचानने में.

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इसीलिए इसी साल से कनारी को कोयला खदानों में जहरीली गैसों के लिए छोड़ा गया, जहां ये गैस होती वहां से ये चिड़िया भाग जाती और ऐसे मजदूरों को पहले से संकेत मिल जाते थे.

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लेकिन 30 दिसंबर 1986 को ब्रिटिश सरकार ने अपने देश की कोयला खदानों में जहरीली गैस पहचानने के लिए तैनात की गई कनारी चिड़िया को इस काम से हटाने का ऐलान किया और इनकी जगह बिजली से चलने वाले डिटेक्टर लगाए गए.

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ब्रिटिश सरकार ने अपने यहां कोयला खदानों में जहरीली गैसों की मौजूदगी पहचानने के लिए तैनात 200 से अधिक कनारी चिड़िया को इस काम से हटाया था.

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