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Byline: Renu Chouhan
एशिया का सबसे साफ गांव कैसा दिखता है?
कचरा
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शहर में हर तरफ जहां देखो कचरा है. कहीं प्लास्टिक का कचरा तो कहीं रोज़ाना घर से निकलने वाला कचरा.
लोगों को बस अपना घर साफ करना होता है, उसके बाद वो कचरा कहां जाए, कोई फर्क नहीं. वहीं, लोगों घर से बाहर निकलते ही हर तरफ कचरा यूं ही फेंक देते हैं.
घर से बाहर
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लेकिन भारत का एक गांव ऐसा भी है जहां कचरे का नामो निशान तक नहीं मिलता है.
No कचरा
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सफाई इतनी है कि भारत ही नहीं एशिया के भी सबसे साफ-सुथरे गांव में इसका नाम आता है.
एशिया
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ये गांव है मावलिननांग, जो कि भारत के उत्तर-पूर्वी जगह मेघालय में पड़ता है.
मावलिननांग
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इस गांव को साल 2003 में डिस्कवर इंडिया द्वारा "एशिया के सबसे स्वच्छ गांव" की उपाधि से सम्मानित किया गया था.
एशिया के सबसे स्वच्छ गांव
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इस गांव में प्लास्टिक बैन है और यहां के लोग 100% पढ़े लिखे हैं. इतना ही नहीं यहां स्मोकिंग भी बैन है.
बैन
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मावलिननांग लोगों के घरों और बाहर भी बांस से बने कूड़ेदान होते हैं, जिसके कचरे को जमीन में गाढ़ कर खाद की तरह इस्तेमाल किया जाता है.
कूड़ेदान
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यहां धूम्रपान करने वाले या फिर कचरा फैलाने पर भारी जुम्राना भी लगाया जाता है.
जुम्राना
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सिर्फ इन्हीं बदलावों की वजह से इस गांव की हवा, पानी, वादियां आदि सबकुछ स्वच्छ है.
सबकुछ स्वच्छ
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अगर आप इस गांव में जाना चाहते हैं तो मॉनसून में जाएं, इस दौरान बारिश में भीगा ये गांव और भी सुंदर लगता है.
मॉनसून
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