शरद पूर्णिमा की रात चांद की रोशनी में खीर क्यों रखी जाती है?
Story created by Renu Chouhan
06/10/2025 Image Credit: MetaAI
हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है.
इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है.
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मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी धरती पर आती हैं, और इस खीर को वो प्रसाद के रूप में ग्रहण करती हैं.
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इसी वजह से शरद पूर्णिमा की चांद की रोशनी में खीर रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.
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वहीं, कई लोग खीर को चांदी के बर्तन में रखते हैं.
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लोगों के बीच मान्यता है कि इस दौरान चांद की रोशनी खीर पर पड़ते ही उसमें अमृत समान गुण आ जाते हैं.
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इसी कारण शरद पूर्णिमा की खीर को अमृत खीर भी कहा जाता है.
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रात को खीर रखने के बाद इस खीर को सुबह खाया जाता है.
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