Story created by Renu Chouhan

कभी किसी का अपमान क्यों नहीं करना चाहिए?

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चाणक्य नीति में एक वाक्य है 'कदापि पुरुषं नावमन्यत्।।'.

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इस वाक्य में चाणक्य ने बताया कि जो व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का अपमान करता है, वास्तव में वह अपनी ही हीनता का प्रदर्शन करता है.

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उससे यह प्रतीत होता है कि वह किस श्रेणी का पुरुष है.


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क्योंकि सज्जन लोग प्रत्येक व्यक्ति को वैसा ही समझते हैं और उससे उसी प्रकार का व्यवहार करते हैं जैसा वे अपने साथ किया जाना उचित मानते हैं.


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इसीलिए व्यक्ति को सदैव दूसरों से व्यवहार करते समय यह बात ध्यान में रखनी चाहिए.


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यदि कोई व्यक्ति आपका अपमान करता है तो आपको कैसी प्रतीत होगा.


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ऐसा सोचने वाले व्यक्ति कभी किसी का अपमान नहीं करते.

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