Story created by Renu Chouhan

चाणक्य ने बताया किन लोगों पर कभी भी भरोसा नहीं करना चाहिए

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चाणक्य नीति में एक वाक्य है 'मर्यादातीतं न कदाचिदपि विश्वसेत्।।'

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इस वाक्य में चाणक्य ने बताया कि आखिर कैसे व्यक्ति पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए.

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आचार्य ने लिखा कि जो व्यक्ति सामाजिक नियमों अर्थात् मर्यादाओं का उल्लघंन करते हैं उनका कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए.

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आगे उन्होंने लिखा कि प्रत्येक समाज के कुछ नियम होते हैं. समान उन नियमों के सहारे जीवित रहता है.


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यह एक प्रकार की मर्यादाएं होती हैं जिन्हें समाज का कोई व्यक्ति भंग करने का प्रयत्न नहीं करना...


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लेकिन जो व्यक्ति ऐसा करते हैं वे समाज के विपरित चलने वाले होते हैं.चाणक्य ने कहा कि ऐसे व्यक्तियों का कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए.


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क्योंकि ऐसे लोगों पर विश्वास करने पर विरोधी भावनाएं पैदा होती हैं और सामाजिक बंधनों के नष्ट होने का भय स्पष्ट हो जाता है.


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जो व्यक्ति सामाजिक मर्यादाओं को भंग करता है, उस पर विश्वास करना मूर्खता है.

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