Story created by Renu Chouhan

चाणक्य के अनुसार ये है दुनिया की सबसे तुच्छ चीज़

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चाणक्य नीति में श्लोक है 'तृणं घु तृणात्तूलं तूलादपि च याचक:। वायुना किं न नीतोसौ मामयं याचयिष्यति।।'.

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इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने दुनिया की सबसे हल्की यानी तुच्छ चीज़ के बारे में बताया है.

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क्या आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि आखिर ये चीज़ क्या है?


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अगर नहीं तो चलिए इस श्लोक का अर्थ समझाते हुए आपको वो तुच्छ चीज़ भी बताते हैं.


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तो चाणक्य ने इस श्लोक में लिखा है कि संसार में एक तिनका अत्यंत हल्का होता है. तिनके से भी अधिक हल्की रुई होती है.


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लेकिन याचक को तो सबसे अधिक हल्का माना गया है.


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व्यक्ति जब कोई चीज किसी से मांग बैठता है, तो वह सभी चीज़ों से हल्का अर्थात तुच्छ माना जाता है.


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यानी चाणक्य के मुताबिक मांगना इस दुनिया की सबसे तुच्छ चीज़ है.


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मतलब आपके पास जो है उसमें संतुष्ट रहिए या फिर और पाने के लिए मेहनत कीजिए...लेकिन मांगना नहीं.

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