Story created by Renu Chouhan
कैसे व्यक्ति के काम कभी सफल नहीं होते?
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चाणक्य नीति में एक वाक्य है "न व्यसनपरस्य कार्यवाप्ति:।।".
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इस वाक्य में चाणक्य ने ऐसे व्यक्तियों के बारे में बताया जिनके काम कभी सफल नहीं हो सकते.
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चाणक्य के मुताबिक जो व्यक्ति व्यसन अथवा किसी प्रकार की बुरी लत में फंसा हुआ है, वह किसी भी कार्य में सफल नहीं हो सकता.
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यानी बुरी लत में फंसे व्यक्ति के कोई भी कार्य सफल होना कठिन है.
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चाणक्य ने आगे इसका कारण बताते हुए कहा कि उसके कार्यों में न तो कोई उत्साह होता है न दृढ़ता.
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क्योंकि किसी भी प्रकार की बुरी लत में फंसा हुआ व्यक्ति आत्म-विश्वास से रहित होता है.
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आत्मविश्वास से हीन व्यक्ति के कार्यों में किसी प्रकार की तेजस्विता नहीं होती.
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उसका मन हर समय विषय भोगों में फंसे रहने के कारण कर्तव्य की ओर प्रेरित ही नहीं होता.
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