Story created by Renu Chouhan

सफलता चाहिए तो काम शुरू करने से पहले करें ये 1 चीज़

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चाणक्य ने अपनी नीति में कामों को सफल बनाने के लिए एक मंत्र दिया है.

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चाणक्य नीति में एक वाक्य है 'पूर्वं निच्क्षित्य पच्श्रात् कार्यमारभेत्।।'.


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इस वाक्य में आचार्य ने बताया कि कार्य आरंभ करने से पहले उसके विषय में सभी पहलुओं पर मन में विचार कर लेना चाहिए.


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कार्य को किन उपायों से पूर्ण किया जाएगा, इस संबंध में पहले निश्चित होने के बाद ही कार्य प्रारंभ करना चाहिए.


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कार्य के संबंध में सभी बातों पर विचार किए बिना कार्य प्रारंभ करने से अनेक प्रकार की कठिनाइयां उत्पन्न हो सकती हैं.


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कहा भी है - 'बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय।' यानी बुद्धिमान पुरुष को कार्य प्रारंभ करने से पूर्व सभी बातों पर विचार कर लेना चाहिए.


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इसके बाद चाणक्य ने एक और वाक्य लिखा 'कार्यान्तरे दीर्घसूत्रिता न कर्त्तव्या।।'.


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इस वाक्य में भी काम के बारे में चाणक्य ने बताया कि कार्य आरंभ करने के बाद आलस नहीं करना चाहिए.


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ऐसा बिल्कुल नहीं सोचना चाहिए कि उसे पूरा करने की अभी क्या जल्दी है, क्योंकि ये विचार हानिकारक हैं.


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इससे मनुष्य के मन में आलस की भावना पैदा होती है और थोड़े समय में समाप्त होने वाला कार्य लंबे समय तक अपूर्ण रहता है.

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