Story created by Renu Chouhan

चाणक्य ने बताया क्यों मनुष्य को कभी सीधा नहीं होना चाहिए

Image Credit: Unsplash

चाणक्य के मुताबिक किसी भी व्यक्ति को कभी भी बहुत सीधा नहीं होना चाहिए.

Image Credit: Unsplash

उन्होंने अपनी नीति में एक श्लोक लिखा है 'नात्यन्तं सरलैर्भाव्यं गत्वा श्य वनस्थलीम्। छिद्घन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपा:।।'.

Image Credit: Openart

इस श्लोक में चाणक्य ने लिखा है कि मनुष्य को अत्यन्त सरल और सीधा भी नहीं होना चाहिए. वन में जाकर देखो, सीधे वृक्ष काट दिए जाते हैं और टेढ़े-मेढ़े गांठों वाले वृक्ष खड़े रहते हैं.


Image Credit: Openart

आचार्य चाणक्य के अनुसार, मनुष्य को अत्यन्त सरल और सीधे-स्वभाव का भी नहीं होना चाहिए.


Image Credit: Unsplash

इससे उसे सब लोग दुर्बल और मूर्ख मानने लगते हैं. हर समय कष्ट देने का प्रयत्न करते हैं.


Image Credit: Unsplash

सीधा-सादा व्यक्ति प्रत्येक व्यक्ति के लिए सुगम होता है जबकि टेढ़े व्यक्ति से सब बचने की कोशिश करते हैं.


Image Credit: Unsplash

यानी सीधे और सरल व्यक्ति का हमेशा दुरुपयोग ही होगा.


Image Credit: Unsplash

इसीलिए कोशिश करें कि चतुर बनें और अपने कामों में आगे बढ़ें.

और देखें

गंगाजल कभी खराब क्यों नहीं होता?

मोटे पेट से हैं परेशान तो अपना लें जापान का खास 'हारा हाची बू' फॉर्मूला

तुम्हारी गलती सिर्फ तुम्हारी है... रतन टाटा के 15 'अनमोल' कोट्स

भारत की सबसे साफ नदी, मानो हवा में तैरती हो नाव

Click Here