Story created by Renu Chouhan

चाणक्य ने बताया इंसान के विनाश का संकेत!

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जब इंसान का बुरा समय आने वाला होता है तो उसे पहले से ही इसका आभास होने लग जाता है.

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जैसे उसके साथ अच्छी घटनाएं न होना या फिर अच्छा महसूस न करना.

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आचार्य चाणक्य ने भी अपनी नीति में ऐसे ही एक संकेत के बारे में बताया है.

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उन्होंने अपनी नीति में लिखा "उपस्थितविनाश: पथ्यवाक्यं न शृणोति".


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इस अर्थ चाणक्य ने बताया कि जिसका विनाश निकट होता है वह अपने हित की बात नहीं सुनता.


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जब मनुष्य के दुर्दिन आते हैं तो वह अपना भला चाहनेवाले की बात की ओर भी ध्यान नहीं देता.


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कहा भी गया है कि मनुष्य के विनाश से पूर्व उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है. 'विनाशकाले विपरीत बुद्धि'.


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इसीलिए आपकी लाइफ कभी भी ऐसी स्थिति हो तो शांत रहने की कोशिश करें.


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क्योंकि कुछ खराब करने से बेहतर है कुछ न करके सिचुएशन को संभाल लेना.

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